Wednesday, May 29, 2019

लंदन में आज रात 9:30 बजे से उद्घाटन समारोह, शाही परिवार भी करेगा शिरकत

खेल डेस्क. आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप के मुकाबले 30 जून से शुरू होने हैं, लेकिन इसका उद्घाटन समारोह बुधवार रात को भारतीय समयानुसार 9:30 से 10:30 बजे तक लंदन में होगा। यह कार्यक्रम जिस ‘लंदन मॉल’ में होना है वह बकिंघम पैलेस के पास स्थित है। उद्घाटन समारोह में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ समेत राजपरिवार के सदस्य भी शामिल होंगे। कार्यक्रम में करीब 4000 प्रशसंकों के शामिल होने की उम्मीद है। इन प्रशसंकों का चयन बैलेट प्रक्रिया के जरिए किया गया है।

भारत में स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर होगा कार्यक्रम का प्रसारण
इस वर्ल्ड कप में मेजबान इंग्लैंड समेत 10 टीमें (भारत, ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान) हिस्सा ले रही हैं। पहला मुकाबला 30 मई को इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा।

भारत में उद्घाटन समारोह का लाइव प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर होगा। इसकी लाइव स्ट्रीमिंग हॉटस्टार पर भी होगी। भारत का पहला मैच 5 जून को दक्षिण अफ्रीका से है।टीम इंडिया 1983 और 2011 में वर्ल्ड चैम्पियन रह चुकी है।

कार्यक्रम में सभी 10 टीमों के एक-एक पूर्व क्रिकेटर और एक सेलेब्रिटी आइकॉन भी मौजूद रहेंगे। भारत की ओर से कपिल देव के मौजूद रहने की उम्मीद है।

उद्घाटन समारोह एक दिन पहले इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि इसमें सभी 10 टीमों के खिलाड़ियों को मौजूद रहना है। कार्यक्रम के बाद सभी टीमें उस जगह के लिए रवाना हो जाएंगी, जहां उन्हें अपने मैच खेलने हैं।

इस बार टूर्नामेंट का फॉर्मेट राउंड रॉबिन और नॉकआउट है। वर्ल्ड कप के 44 साल के इतिहास में दूसरी बार इस फॉर्मेट में टूर्नामेंट खेला जाएगा। इससे पहले 1992 में हुआ वर्ल्ड कप राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया था।

सूत्रों के मुताबिक, नए मंत्रिमंडल में कई दिग्गज और मौजूदा मंत्रियों को दोबारा मौका न देकर नए चेहरों को तरजीह दी जाएगी। हालांकि, लोजपा से रामविलास पासवान और भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता मंत्री बने रह सकते हैं। सहयोगी दलों में शिवसेना और जेडीयू के दो-दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री दर्जा होने की संभावना है।

राजनाथ, गडकरी और सीतारमण को फिर मौका मिल सकता है
इस बार देश को नया वित्त, रक्षा और विदेश मंत्री मिल सकता है। भाजपा अध्यक्ष शाह को मोदी सरकार में बड़ा पद मिल सकता है। वरिष्ठ नेताओं में राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रवि शंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावडेकर को फिर कैबिनेट में जगह मिल सकती हैं। सूत्रों की मानें तो अरुण जेटली पहले ही स्वास्थ्य कारणों के चलते मंत्री पद नहीं लेना चाहते हैं।

मंत्रिमंडल में 25% महिलाएं और 40% विशेषज्ञ हो सकते हैं
संसद के सेंट्रल हॉल में मोदी ने अपने भाषण में यह स्पष्ट कर दिया कि मंत्रियों के नामों के बारे में अटकलें लगाना फिजूल है। नई कैबिनेट का गठन तय मानकों पर ही होगा। इसमें 25% महिलाएं और 40% विशेषज्ञ हो सकते हैं। मोदी मंत्रिमंडल में पहले जिन मानकों को शामिल करते रहे हैं, उनमें वे प्रोफेशनलिज्म, महिला प्रतिनिधित्व, जातीय गणित, शहरी-ग्रामीण तालमेल, विशेषज्ञता, एससी-एसटी प्रतिनिधित्व और घटक दलों की सीटें, युवा एवं वरिष्ठता को प्रमुख तौर ध्यान रखते हैं।

Thursday, May 16, 2019

Канны-2019: девять самых ожидаемых фильмов

Во вторник открывается очередной, 72-й по счету Каннский кинофестиваль.

Мир ожидает увидеть на его открытии привычный парад кинозвезд и дебютантов, а мы собрали для вас список фильмов, которые, как ожидается, привлекут больше всего внимания и критиков, и публики. Не пропустите!

Кинофестиваль стартует во вторник с официальной премьерой американского кинорежиссера Джима Джармуша, который привез в Канны черную комедию "Мертвые не умирают".

Она сделана в вечно живом жанре "зомби" и может похвастаться звездным составом - Билл Мюррей, Хлоя Севиньи и Адам Драйвер, которые играют полицейских, Тильда Суинтон исполняет роль инспектора морга. Все они пытаются защитить провинциальный городок Сентервиль от нашествия полчищ зомби, среди которых - Игги Поп, Сара Драйвер и Кэрол Кейн.

"Мертвяк" Игги Поп уже появлялся в фильме Джармуша 2016 года "Дайте мне опасность", который был посвящен рок-группе Stooges.

В конкурсной программе Каннского кинофестиваля в этом году представлен 21 фильм. Премьера этого фильма будет транслироваться одновременно в более чем 400 кинотеатрах по всей Франции.

Фильм "Крошка Джо" скрывает за милым названием страшную фантастическую историю о генетически модифицированном цветке, который вызывает странные изменения в поведении людей и всего живого.

В нем играют британские актеры Эмили Бичем и Бен Уишоу, а сделан он при поддержке Би-би-си и Британского института кино.

Австрийский режиссер фильма Джессика Хаузнер - одна из всего четырех женщин-режиссеров, фильмы которых представлены в конкурсной программе этого года.

Джейн Кэмпион остается пока единственной женщиной-режиссером, которая получила "Золотую пальмовую ветвь" за драму "Пианино" в 1993 году.

Кен Лоуч возвращается в Канны в этом году с новым британским фильмом, сценарий которого был написан Полом Лаверти.

82-летний кинорежиссер дважды был лауреатом Канн - в первый раз в 2006 году за историческую драму про Ирландию "Ветер, который качает вереск". Спустя десять лет он повторил свой успех с фильмом "Я, Дэниел Блейк", который поднимал темы безработицы и бедности в Британии.

Этот фильм вызвал общенациональную дискуссию. Кен Лоуч продолжает остросоциальную направленность в новой картине, рассказывающей о тяжелой жизни на грани нищеты курьера по доставке товаров и его жены-медсестры, которые пытаются сохранить семью, перебиваясь временными заработками.

Еще один ветеран, 75-летний американец Терренс Малик, возвращается в этом году в строй с новой исторической драмой "Скрытая жизнь", в которой рассказывается история жизни Франца Ягерстеттера, пацифиста из Австрии, которые отказался сражаться за нацистов в годы Второй мировой войны.

Малик получил "Золотую пальмовую ветвь" в 2011 году за фильм "Древо жизни" - экспериментальную картинку, в которой Брэд Питт, Шон Пенн и Джессика Честейн размышляли о смысле жизни и прочих экзистенциальных вопросах.

Среди других титанов современного кинематографа в Канн прибывает также Педро Альмодовар с новым фильмом о старом кинорежиссере, переживающим упадок и творческий кризис - "Боль и слава", в котором снялись Антонио Бандерас и Пенелопа Крус.

Friday, May 3, 2019

साध्वी प्रज्ञा जितना ज़्यादा बोलें मुझे अच्छा लगेगाः दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चुनावी समीकरण दिलचस्प बन गए हैं. वहां से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सामने भाजपा के कट्टर हिंदुत्व का चेहरा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर हैं.

भोपाल में साध्वी प्रज्ञा दिग्विजय के लिए कितनी बड़ी चुनौती बन पाएंगी इसे लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

मालेगांव बम धमाकों की अभियुक्त रह चुकीं साध्वी प्रज्ञा बहुत ज़ोर-शोर से प्रचार भी कर रही हैं. अपने भड़काऊ भाषणों के लिए साध्वी प्रज्ञा को जाना जाता है.

कुछ इसी अंदाज़ में वो अपने विरोधियों पर इस बार हमले कर रही हैं. चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा के दिग्विजय सिंह के लिए दिए बयान पर स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके प्रचार पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाया है.

इस प्रतिबंध पर दिग्विजय सिंह का कहना है कि वो चाहते हैं साध्वी प्रज्ञा और ज़्यादा बोलती रहें.

दिग्विजय सिंह कहते हैं, ''मैंने अभी चुनाव आयोग का आदेश नहीं देखा है. वैसे भी मैं तो चाहता हूं कि साध्वी प्रज्ञा जितना बोलें उतना ही अच्छा होगा. क्योंकि उनके वक्तव्यों का अपना अलग ही लहज़ा होता है.''

'भाजपा वाले सिर्फ़ झूठ बोलते हैं'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मध्य प्रदेश में रैलियां करते हैं तो दिग्विजय सिंह का ज़िक्र करना नहीं भूलते. उन्होंने दिग्विजय पर आरोप लगाए कि वो विवादित इस्लामिक प्रचारक ज़ाकिर नाइक के साथ मंच साझा करते हैं.

इस पर दिग्विजय सिंह तंज भरे लहज़े में कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी उन्हें जितनी इज़्जत बक्शते हैं वो भी उन्हें उतनी ही इज़्जत बक्शेंगे.

राहुल गांधी की नागरिकता पर उठे विवाद पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह कोई नया मामला नहीं है. जब कभी भी भाजपा निराश होती है तो इस मामले को उठाने लगती है. साल 2014 के चुनाव में भी उन्होंने इस मुद्दे को हवा दी थी.

दिग्विजय कहते हैं, ''जो व्यक्ति मोतीलाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के परिवार से आता हो. जिसके परिवार से तीन लोग देश के प्रधानमंत्री रह चुके हों वह किसी दूसरे देश की नागरिकता क्यों अपनाएगा. इसका सवाल ही नहीं उठता और इस मुद्दे को उठाने वाले सिर्फ़ मज़ाक करना चाहते हैं.''

भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर लगातार दिग्विजय सिंह पर हमलावर रही हैं. उन्होंने अपने एक भाषण में दिग्विजय को 'आतंकवादी' तक बोल दिया था. लेकिन दिग्विजय अभी तक साध्वी प्रज्ञा पर अधिक हमलावर नहीं हुए.

अपने इस रुख पर वो कहते हैं, ''मैं कभी भी अपने प्रतिद्वंद्वी के ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोलता. उन्हें मुझ पर जो आरोप लगाने हैं लगाएं, अगर वो अपने आरोपों के साथ प्रमाण भी देंगी तो मुझे और अधिक खुशी होगी.''

वो कहते हैं, ''अगर मैं आतंकवादी हूं तो मुझे गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया. अगर मेरे ख़िलाफ़ एक भी प्रमाण होता तो क्या मोदी जी मुझे छोड़ देते. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुझे देशद्रोही कहा. ये लोग बिना प्रमाण की बातें करना जानते हैं.''

आखिरकार आरएसएस की दिग्विजय से इतनी अधिक नाराज़गी क्यों है और उनके ख़िलाफ साध्वी प्रज्ञा को क्यों खड़ा किया गया है. इसके जवाब में दिग्विजय कहते हैं कि आरएसएस उनसे इस वजह से चिढ़ता है क्योंकि वो सनातन हिंदू हैं.

दिग्विजय कहते हैं, ''आज हमारे धर्मगुरू शंकराचार्य जी हैं, क्या किसी भी पीठ के शंकराचार्य का समर्थन विश्व हिंदू परिषद या आरएसएस या बीजेपी को है. ये लोग दरअसल कुटिल प्रयासों के ज़रिए धर्म का इस्तेमाल कर मठों और मंदिरों पर कब्ज़ा करना चाहते हैं. और यह सब सनातन धर्म की परंपराओं के विपरीत है.''

भाजपा अक्सर दिग्विजय की धार्मिक आस्था को ढोंग बताती रही है. इस पर दिग्विजय अपनी नर्मदा यात्रा का ज़िक्र करते हैं और कहते हैं कि क्या 6 महीने में 3100 किलोमीटर की पैदल परिक्रमा करना ढोंग हो सकता है.

वो कहते हैं, ''मैं 30 साल से लगातार गोवर्धन जी की परिकर्मा करता रहा हूं, मेरे घर में पुश्तैनी सात मंदिर हैं जिसमें से चार में अखंड जोत जलती है. क्या ये सब ढोंग है. मुझे किसी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है.''

भाजपा कहती रही है कि दिग्विजय सिंह ने भगवा आतंकवाद और हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द गढ़े. इस पर दिग्विजय सिंह का जवाब है कि उन्होंने कभी भी इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया.

वो कहते हैं, ''आरके सिंह ने हिंदू आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया था जिन्हें भाजपा ने टिकट देकर सांसद बना दिया, साथ ही केंद्र में मंत्री भी बना दिया. सतेंद्र पाल सिंह जो कि महाराष्ट्र के पुलिस कमिश्नर थे. उन्होंने भगवा आतंकवाद कहा था, उन्हे भी भाजपा ने मंत्री बनाया.''

''भाजपा को ऐसे लोग पसंद आते हैं, इन लोगों के ज़रिए भाजपा को अपने मन की बात कहने का मौका मिल जाता है. मैंने संघी आतंकवाद कहा था जो कि मैं आज भी कहता हूं. ''

संघी आतंकवाद शब्द के बारे में दिग्विजय सिंह बताते हैं, ''धर्म के नाम पर जो बम धमाके हुए इन के आरोप जिन पर लगे और जो लोग गिरफ्तार हुए, वो इसी संस्था से जुड़े हैं.''

दिग्विजय सवाल उठाते हुए कहते हैं कि अभिनव भारत संस्था किन लोगों की है.

पिछले लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की भारी मतों से जीत हुई थी, वो हंसते हुए कहते हैं कि इस बार भी वो आसान जीत दर्ज करेंगे.

百亿定增遭遇跌停,“中国女首富”做错了什么?

  今年的A股市场上,不少上市公司的定 4月17日中 色情性&肛交集合 国国家统计局公布, 色情性&肛交集合 今年一季度国内生产总值同比下降6.8%。 色情性&肛交集合 中国经济出现季度负增 色情性&肛交集合 长在过去四 色情性&肛交集合 十多年里极为 色情性&肛交集合 罕见。...